दोस्तों,
मैं जिया खान, उम्र २२ वर्ष तो सांवला वर्ण साथ ही सिर्फ ५’४ फीट की लंबाई तो सेक्सी जिस्म की माप ३४-२६-३६ इंच साथ ही चूचियों के जोड़े मानो टेनिस बॉल समान तो गोल गुंबदाकार गान्ड और चिकनी जांघों के बीच खूबसूरत चूत, आप भी देखेंगे तो लंड टाईट हो जाएगा लेकिन इस उम्र में ही अपने चूत की सील तुड़वाई तो आधे दर्जन छोकरों के साथ सेक्स की, ना अपने जिस्म पर दूसरों के छुअन की परवाह और ना ही गर्भवती बनने का डर और फिर मौज मस्ती की दुनिया में कदम पड़ते ही मैं ये भी भूल चुकी थी कि कुंवारी लड़की होकर भी इधर उधर मुंह मारती हूं। एक सुबह मैं अपनी सहेली रेखा के साथ कॉलेज के लिए निकली थी कि रास्ते में ही मेरे पड़ोस का लड़का दिख गया जिसकी नजरें मुझपर हमेशा रहती थी लेकिन मैं उस पर ध्यान नहीं देती थी, प्रतीक सिंह मुश्किल से २१ साल का होगा लेकिन सही में स्मार्ट और देखने में सुंदर तो उसकी कद छह फीट के आसपास होगी तो वो मुझे ध्यान से देखा फिर मेरे से आगे निकल गया, आज तो कॉलेज ऑटो रिक्शा से ही जाना था तो मैं अपनी सहेली के साथ बातें करते हुए जा रही थी कि रेखा पूछी ” जिया एक बात पूछूं
( मैं बोली ) जरूर तू मेरी सहेली है मुझसे क्या शर्माना
( रेखा बोली ) ये लड़का जब मिलता है तेरी ओर ध्यान से देखता है क्या तुम दोनों में कोई चक्कर है
( मैं हंस दी ) नहीं तो साला मेरे पर शायद फिदा है ” और दोनों ऑटो से कॉलेज निकल गए, सुबह के १०:१० बजे थे तो दोनों कॉलेज गेट पर ऑटो रिक्शा से उतरे वैसे भी क्लास १०:३० बजे से था, तभी मेरी नजर प्रतीक पर पड़ी जोकि कॉलेज के पास के बस स्टैंड पर खड़ा था लेकिन मुझे ही घुर रहा था और फिर मैं रेखा को बोली ” तू अंदर जा मैं जरा आती हूं ” और फिर रेखा के अंदर जाते ही मैं उसकी ओर गई फिर उसको इशारे से बुलाई, वो मेरे सामने आकर खड़ा था ” क्यों मिस्टर मेरे पीछे पड़े हो
( वो शरमाते हुए बोला ) सॉरी जिया कुछ बात तुमसे करनी है बोलो पास के मार्केट में साथ कॉफी पियोगी ” और मैं पैदल ही उसके साथ चल पड़ी, दोनों कॉफी शॉप में कॉफी पीते हुए एक दूसरे को घूरने लगे, वैसे भी मुझे तो अब लंड पसंद था साथ ही कोई अमीर छोकरा मैं लाईक करती थी, मुझे बिस्तर गरम करने और लड़कों के साथ रोमांस संग सेक्स का चस्का लग चुका था तो मैं उससे पूछ बैठी ” प्रतीक तुम रहते तो हो मेरे घर के पास लेकिन एक बात बताओ
( वो हंस दिया ) हां जिया पूछो तो सही
( मैं ) तुम्हारा आलीशान घर मैं देखी हूं शायद तुम्हारे डैड बिज़नेस मेन हैं लेकिन तुम बिना बाईक या कार के चलते हो
( वो बोला ) बाईक सर्विसिंग में गई है और कार मुझे चलाने नहीं आती ” मैं चुप रही फिर कॉफी शॉप से निकलकर वापस कॉलेज की ओर जाने लगी, दोनों में दोस्ती हुई साथ ही मोबाईल नम्बर उसने मुझे दिया तो मैं भी उसे दे दी, दो दिन बाद…….
दो दिनों में सिर्फ मोबाईल पर घंटों बातचीत हुई और मैं उसके इरादे को समझ चुकी थी जोकि मेरे जिस्म के साथ मजे लेना चाहता था लेकिन क्या मेरी सोच इससे अलग थी! मैं क्या इससे प्यार करने लगी थी बिल्कुल ही नहीं बल्कि उसके जेब का वजन देख रही थी और शारीरिक सुख लेना चाहती थी। आज कॉलेज के लिए भाई के साथ निकली फिर कॉलेज गेट से ऑटो रिक्शा लेकर नैनी के पास एक रिसोर्ट पहुंची तो वहीं दोनों का मिलना तय था और फिर सुबह के ग्यारह बजे प्रतीक वहां अपने बाईक से आया तो उसके साथ बाईक पर बैठकर रिसोर्ट के परिसर में गई, मैं साधारण लड़की की तरह सलवार सूट पहनी हुई थी तो वो ब्लू जींस और टीशर्ट में था, मैं बाईक से उतरकर पूछी ” क्यों हीरो इस रिसोर्ट में क्या काम है
( वो शरमाते हुए बोला ) अगर इच्छा नहीं है तो फिर चलो ” लेकिन मेरी हामी से वो खुश हुआ और दोनों रिसेप्शन पर जाकर नाम प्ता लिख रिसोर्ट के एक रूम में चले गए तो एक सर्विस गर्ल आकर दो बोतल पानी रखी और पूछी ” सर कुछ ऑर्डर हो तो
( वो मेरा चेहरा देखने लगा ) दो बोतल बियर ले आना ” और फिर सर्विस गर्ल दरवाजा बंद किए चली गई तो मैं उसके सामने खड़ी थी लेकिन प्रतीक मेरे करीब आकर मुझे अपने बाहों में लेकर पीठ सहलाने लगा तो मैं उसे जानबूझकर हलका सा धक्का दी और वो सोफ़ा पर जा गिरा तो मैं उसे देख खिलखिलाकर हंसने लगी, वो उठता की मैं रूम के दूसरे छोर की ओर भागी लेकिन आखिर में वो मुझे पकड़कर चूमने लगा लेकिन मैं उससे छूटने की कोशिश कर रही थी, अपने हाथ उसके चूतड पर रख चिकोटी काटी फिर भी वो मेरे गरदन को चूमता रहा और मैं अब अपने दिखावटी नखरे को भी भूलकर उससे लिपटे हुए उसे चूमने लगी तो आखिर में उसने मेरे गरदन को पकड़ चेहरा सीधा किया और अब मेरी सांसें तेज हो चुकी थी कि मेरे रसीले ओंठ को चूमेगा लेकिन संयोगवश दरवाजा नॉक हुआ और मैं तो वाशरूम घुसी फिर अंदर ही कुछ देर रही की प्रतीक आवाज दिया ” ओके बेबी बाहर आ जाओ
( मैं रूम में आई तो टेबल पर बियर की बोतल साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स और सिगरेट की पैकेट रखी देखी ) क्या तुम आज बहन जी स्टाईल का ड्रेस पहनकर आई हो
( मैं हंस दी ) तुम्हारा प्यार दिख रहा है डियर क्या ” वो कुछ बोलता इससे पहले ही उसके करीब गई और लिपटकर उसके चेहरे को चूमने लगी तो उसका हाथ मेरे गोल गद्देदार नितम्ब को सहला रहा था और आखिर में उसने मेरे ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन देने लगा तो मैं भी उसके ओंठ चूमकर सर को गरदन पर रखी ” चल अब बियर पीते हैं फिर देखना बहन जी स्टाईल की छोकरी की फिगर ” मैं सोफ़ा पर बैठ बियर की बोतल खोल ग्लास में बियर डालने लगी तो वो मेरे कंधे पर हाथ रख सहलाने लगा, लेकिन ज्योंहि उसका हाथ नीचे सरककर मेरी बूब्स को पकड़ा मैं दोनों ग्लास में बियर डालकर चेहरा उठाई ” तो जिस्म की चाहत को प्यार कहते हो ” और दोनों बियर पीने लगे तो मैं सिगरेट सुलगाई फिर दोनों मस्त हो रहे थे…. to be continued.
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